बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान - सरब प्रश्नोत्तर
यूनिट - II
अध्याय - 2 :
वैज्ञानिक उपागम
(Scientific Approach)
प्रश्न- मनोविज्ञान को विज्ञान के रूप में कैसे परिभाषित कर सकते है? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
मनोविज्ञान के वैज्ञानिक उपागम को स्पष्ट कीजिए एवं उसके उद्देश्य और कार्यों को समझाइए।
उत्तर-
मनोविज्ञान को व्यवहार एवं मानसिक प्रक्रियाओं का विज्ञान माना जाता है। आज इसका दृष्टिकोण यांत्रिक नहीं, बल्कि नम्य या लचीला है। इसके स्वरूप को स्पष्ट करने के लिए कुछ आधुनिक परिभाषाओं को प्रस्तुत किया गया है-
"मनोविज्ञान व्यवहार एवं मानसिक प्रक्रियाओं का वैज्ञानिक अध्ययन है।' - कून एवं मिट्टरर (2007)
" मनोविज्ञान वह विज्ञान है जिसमें व्यवहार तथा उससे सम्बन्धित दैहिक एवं मानसिक प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है, साथ ही इसमें संचित ज्ञान को व्यवहारिक समस्याओं के समाधान के लिए प्रयुक्त किया जाता है।" - वीटेन एवं लायड के अनुसार (2003)
यदि उपर्युक्त परिभाषाओं पर विचार किया जाए तो स्पष्ट होगा कि मनोविज्ञान भी एक विज्ञान है। जिस तरह प्राणीशास्त्र जीवन प्रक्रियाओं को केन्द्रबिन्दु मानता है तो भौतिकशास्त्र पदार्थ एवं ऊर्जा को अपने अध्ययन का केन्द्र बिन्दु मानता है। उसी तरह मनोविज्ञान का केन्द्र बिन्दु व्यवहार एवं उससे सम्बन्धित मानसिक प्रक्रियाएँ हैं।
विज्ञान का आशय ज्ञान प्राप्ति के माध्यम से है। इसमें घटना का वर्णन तथा व्याख्या प्रेक्षण एवं- प्रयोग के आधार पर किया जाता है। विज्ञान को ज्ञान की एक ऐसी शाखा के रूप में परिभाषित किया जाता है। जिसमें किसी विषय सामग्री या समस्या का क्रमबद्ध, पूर्वनियोजित एवं नियन्त्रित अध्ययन करके कारण एवं प्रभाव में सम्बन्ध स्थापित किया जाता है। वैज्ञानिक विधियों से प्राप्त परिणाम विश्वसनीय तथा सार्वभौमिक होते हैं। वैज्ञानिक विधियाँ वैध होती हैं तथा इसमें नियंत्रण पर विशेष बल दिया जाता है। विज्ञान के रूप में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान जीव विज्ञान एवं मनोविज्ञान इत्यादि का उल्लेख कर सकते हैं, क्योंकि इनमें विषय-सामग्री का अध्ययन क्रमबद्ध ढंग से किया जाता है।
विज्ञान एवं मनोविज्ञान के प्रमुख सोपान निम्नांकित हैं-
1. घटना का प्रेक्षण।
2. समस्या को परिभाषित करना।
3. परिकल्पना प्रस्तावित करना।
4. साक्ष्य संग्रह तथा परिकल्पना की जाँच।
5. परिकल्पना स्वीकृत / अस्वीकृत करना।
6. परिणाम को प्रकाशित करना।
7. सिद्धान्त निर्मित करना।
वैज्ञानिक मापदण्ड एवं कार्य - मनोविज्ञान को विज्ञान के रूप में प्रमाणित करने के लिए मनोविज्ञान को निम्न कसौटियों पर देखना होता है। ऐसा करके ही मनोविज्ञान को विज्ञान के रूप में परिभाषित कर सकते हैं-
1. विषय सामग्री - मनोविज्ञान विज्ञान की तरह विषय सामग्री निश्चित तथा परिभाषित होती है। इसमें व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है।
2. प्रदत्तों का वस्तुनिष्ठ संग्रह - प्रत्येक विज्ञान में विषय सामग्री से सम्बन्धित प्रदत्तों का संग्रह वस्तुनिष्ठ एवं पक्षपातरहित ढंग से किया जाता है। मनोविज्ञान में भी प्रदत्तों के वस्तुनिष्ठ संग्रह पर बल दिया जाता है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए विशिष्ट अध्ययन विधियों का उपयोग किया जाता है।
3. विधियों की उपलब्धता - विज्ञान की तरह मनोविज्ञान में भी समस्याओं का समाधान करने तथा प्रदत्तों का संग्रह करने के लिए अनेक वैज्ञानिक विधियाँ उपलब्ध हैं; जैसे- प्रयोग पद्धति, प्रेक्षण एवं साक्षात्कार आदि।
4. ज्ञान को क्रमबद्ध करना - विज्ञान में प्रदत्तों का संग्रह ही काफी नहीं है, बल्कि प्राप्त प्रदत्तों को विश्लेषित करके ज्ञान को क्रमबद्ध करना भी आवश्यक है। ऐसा करने से ज्ञान की उपयोगिता बढ़ जाती है। मनोविज्ञान में यह विशेषता पाई जाती है।
5. प्रगतिशीलता - विज्ञान में सदैव नए-नए तथ्य प्रकाश में आते हैं। मनोविज्ञान का भी ज्ञान भण्डार स्थिर नहीं है, बल्कि प्रगतिशील है।
6. तथ्यों की जाँच तथा पुनरावृत्ति - विज्ञान की एक प्रमुख विशेषता यह भी होती है कि जिन परिस्थितियों में जो परिणाम आज पाए जाते हैं, यदि समान परिस्थितियाँ उत्पन्न करके उन परिणामों की जाँच की जाए तो वैसे ही परिणाम पुनः मिलेंगे। ऐसा मनोविज्ञान में भी सम्भव है।
7. नियन्त्रण - विज्ञान की मूल मान्यता यह है कि समस्या का समाधान नियन्त्रित परिस्थिति में निकलना चाहिए। नियन्त्रण के अभाव में अध्ययन व्यर्थ है। मनोविज्ञान में भी नियन्त्रण को विशेष महत्व दिया जाता है। व्यवहार पर असंगत कारकों का प्रभाव रोकने के लिए अनेक तकनीकें विकसित हो चुकी है।
8. भविष्योक्ति - विज्ञान में जिस तरह तापमान एवं वर्षा आदि से सम्बन्धित सूचनाएँ पहले ही दे दी जाती हैं। उसी प्रकार मनोविज्ञान में मानब या प्राणी के व्यवहार के बारे में भविष्योक्ति का कार्य किया जाता है।
9. तथ्यों का अनन्त विश्लेषण - तथ्यों का पता लगाते रहना विज्ञान का प्रमुख कार्य है। किसी एक प्रकार की जानकारी हो जाने पर विज्ञान की प्रक्रिया वहीं थम नहीं जाती है बल्कि विज्ञान की खोज जारी रहती है। मनोविज्ञान में भी तथ्यों की खोज जारी है। विश्व में मनोवैज्ञानिकों के कार्यों से सदैव व्यवहार के नए आयामों का पता लग रहा है।
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- प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मापनी से आपका क्या तात्पर्य है? मापनी की प्रमुख विधियों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- मापन का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुए इसकी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।'
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन को स्पष्ट करते हुए मापन के गुणों का उल्लेख कीजिए तथा मनोवैज्ञानिक मापन एवं भौतिक मापन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मापन की जीवन में नितान्त आवश्यकता है, इस कथन की पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- मापन के महत्व पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- मनोविज्ञान को विज्ञान के रूप में कैसे परिभाषित कर सकते है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रायोगिक विधि को परिभाषित कीजिए तथा इसके सोपानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अवलोकन किसे कहते हैं? अवलोकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा अवलोकन पद्धति की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- अवलोकन के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- चरों के प्रकार तथा चरों के रूपों का आपस में सम्बन्ध बताते हुए चरों के नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- परिकल्पना या उपकल्पना से आप क्या समझते हैं? परिकल्पना कितने प्रकार की होती है।
- प्रश्न- जनसंख्या की परिभाषा दीजिए। इसके प्रकारों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- वैज्ञानिक प्रतिदर्श की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
- प्रश्न- उपकल्पनाएँ कितनी प्रकार की होती हैं?
- प्रश्न- अवलोकन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- पक्षपात पूर्ण प्रतिदर्श क्या है? इसके क्या कारण होते हैं?
- प्रश्न- प्रतिदर्श या प्रतिचयन के उद्देश्य बताइये।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- वर्णनात्मक सांख्यिकीय से आप क्या समझते हैं? इस विधि का व्यवहारिक जीवन में क्या महत्व है? समझाइए।
- प्रश्न- मध्यमान से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों तथा उपयोग की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मध्यांक की परिभाषा दीजिये। इसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- बहुलांक से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोष तथा उपयोग की विवेचना करें।
- प्रश्न- चतुर्थांक विचलन से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों की व्याख्या करें।
- प्रश्न- मानक विचलन से आप क्या समझते है? मानक विचलन की गणना के सोपान बताइए।
- प्रश्न- रेखाचित्र के अर्थ को स्पष्ट करते हुए उसके महत्व, सीमाएँ एवं विशेषताओं का भी उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज के अर्थ को स्पष्ट करते हुए रेखाचित्र की सहायता से इसके महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संचयी प्रतिशत वक्र या तोरण किसे कहते हैं? इससे क्या लाभ है? उदाहरण की सहायता से इसकी पद रचना समझाइए।
- प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप से क्या समझते हैं?
- प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- विचलनशीलता का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- प्रसार से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- प्रसरण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विचलन गुणांक की संक्षिप्त व्याख्या करें।
- प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज और स्तम्भाकृति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तोरण वक्र और संचयी आवृत्ति वक्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्तम्भाकृति (Histogram) और स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) किसे कहते हैं?
- प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के बहुलांक की गणना कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यमान की गणना कीजिए।
- प्रश्न- निम्न आँकड़ों से माध्यिका ज्ञात कीजिए :
- प्रश्न- निम्नलिखित आँकड़ों का मध्यमान ज्ञात कीजिए :
- प्रश्न- अग्रलिखित आँकड़ों से मध्यमान ज्ञात कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र से क्या समझते हैं? इसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कुकुदता से आप क्या समझते हैं? यह वैषम्य से कैसे भिन्न है?
- प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र के उपयोग बताइये।
- प्रश्न- एक प्रसामान्य वितरण का मध्यमान 16 है तथा मानक विचलन 4 है। यह बताइये कि मध्य 75% केसेज किन सीमाओं के मध्य होंगे?
- प्रश्न- किसी वितरण से सम्बन्धित सूचनायें निम्नलिखित हैं :-माध्य = 11.35, प्रमाप विचलन = 3.03, N = 120 । वितरण में प्रसामान्यता की कल्पना करते हुए बताइये कि प्रप्तांक 9 तथा 17 के बीच कितने प्रतिशत केसेज पड़ते हैं?-
- प्रश्न- 'टी' परीक्षण क्या है? इसका प्रयोग हम क्यों करते हैं?
- प्रश्न- निम्नलिखित समूहों के आँकड़ों से टी-टेस्ट की गणना कीजिए और बताइये कि परिणाम अमान्य परिकल्पना का खण्डन करते हैं या नहीं -
- प्रश्न- सामान्य संभाव्यता वक्र की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- एक वितरण का मध्यमान 40 तथा SD 3.42 है। गणना के आधार पर बताइये कि 42 से 46 प्राप्तांक वाले विद्यार्थी कितने प्रतिशत होंगे?
- प्रश्न- प्रायिकता के प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक गणना की प्रोडक्ट मोमेन्ट विधियों का वर्णन कीजिए। कल्पित मध्यमान विधि का उदाहरण देकर वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उदाहरण की सहायता से वास्तविक मध्यमान विधि की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- काई वर्ग परीक्षण किसे कहते हैं?
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
- प्रश्न- जब ED2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
- प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? परीक्षण की विशेषताओं एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परीक्षण रचना के सामान्य सिद्धान्तों, विशेषताओं तथा चरणों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता से आप क्या समझते हैं? विश्वसनीयता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- किसी परीक्षण की वैधता से आप क्या समझते हैं? वैधता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- पद विश्लेषण से आप क्या समझते हैं? पद विश्लेषण के क्या उद्देश्य हैं? इसकी प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता किन रूपों में मापी जाती है? विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- "किसी कसौटी के साथ परीक्षण का सहसम्बन्ध ही वैधता है।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- मानकीकरण से आप क्या समझते हैं? इनकी क्या विशेषतायें हैं? मानकीकरण की प्रक्रिया विधि की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन एवं मनोवैज्ञानिक परीक्षण में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- परीक्षण फलांकों (Test Scores) की व्याख्या से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- परीक्षण के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- पद विश्लेषण की समस्याएँ बताइये।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- बुद्धि के अर्थ को स्पष्ट करते हुए बुद्धि के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण का सविस्तार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर बुद्धि मापनी का सविस्तार वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर द्वारा निर्मित बच्चों की बुद्धि मापने के लिए किन-किन मापनियों का निर्माण किया गया है? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कैटेल द्वारा प्रतिपादित सांस्कृतिक मुक्त परीक्षण की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आयु- मापदण्ड (Age Scale) एवं बिन्दु - मापदण्ड (Point Scale) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि को कैसे ज्ञात किया जाता है?
- प्रश्न- बुद्धि और अभिक्षमता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर मापनियों के नैदानिक उपयोग की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वेक्सलर मापनी की मूल्यांकित व्याख्या कीजिए।
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला
- प्रश्न- व्यक्तिगत आविष्कारिका क्या है? कैटेल द्वारा प्रतिपादित सोलह ( 16 P. F) व्यक्तित्व-कारक प्रश्नावली व्यक्तित्व मापन में किस प्रकार सहायक है?
- प्रश्न- प्रक्षेपण विधियाँ क्या हैं? यह किस प्रकार व्यक्तित्व माप में सहायक हैं?
- प्रश्न- प्रेक्षणात्मक विधियाँ (Observational methods) किसे कहते हैं?
- प्रश्न- व्यक्तित्व मापन में किन-किन विधियों का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है?
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उत्तरमाला